मंगलवार, 14 सितंबर 2010

विज्ञानं और हिन्दी

विज्ञानं पढने और जानने के लिए अंगरेजी का ज्ञान होना अनिवार्य सा रहा है बड़े ही हर्ष का विषय है कि कुछ संगठनो द्वारा हिन्दी में विज्ञानं लेखन को बढ़ावा दिया जा रहा है .ऐसे सभी लोगों को मैं साधुवाद देना चाहूंगी. क्योंकि हिन्दी में विज्ञानं लेखन होने पर हमारे देश का एक बड़ा तबका इसका लाभ उठा सकेगा.आज हिन्दी दिवस है सभी हिन्दी विज्ञानं ब्लॉगर को शुभकामनाएँ.

गुरुवार, 2 सितंबर 2010

जन्माष्टमी

आज जन्माष्टमी है ,आप सभी को सब को सुख देने वाले कृष्ण -कन्हैया के जन्म दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.कृष्ण को अगर कोई भगवन न भी माने तो भी वे एक महापुरुष के रूप में  अवश्य ही आदरणीय और पूजनीय हैं.आज हमारा विज्ञानं "लाफिंग थेरेपी " के बारे में बात करता है ,यानी की मुस्कुराने से या हंसने से आपकी न केवल मनोवैज्ञानिक वरन बहुत सी शारीरिक बीमारियाँ भी दूर हो सकती हैं ,विज्ञानं के इस नए अविष्कार के बारे में आज से हजारों साल पहले जन्म लेने वाले कृष्ण शायद जानचुके थे तभी तो कंस के अत्याचारों से दुखी तनाव ग्रस्त और हताश लोगों के जीवन में उन्होंने अपनी बाल सुलभ लीलाओं से . आनंद का संचार कर दिया .विज्ञानं ने हमारी सभ्यता को बहुत कुछ दिया है,ये विज्ञानं ही है जिसकी बदोलत  आज एक घरेलु महिला भी कुछ समय अपने लिए भी निकाल सकती है ,बाहर काम करने वाले महिला या पुरुष शीघ्रता से अपना काम पूरा कर सकते हैं ,मानव जाति सदा विज्ञानं की ऋणी रहेगी साथ ही मैं ये भी कहना चाहूंगी की हमें अपनी संस्कृति    को एक अलग नजरिये से देखने की आवश्यकता है .मैं बारबार जोर दे कर कहना चाहूंगी की हमारी  संस्कृति विज्ञानं की विरोधी नहीं सहयोगी है.  जन्माष्टमी बड़े ही हर्ष उल्लास से मनाया जाने वाला उत्सव है,इस तरह उत्साह से भर जाना ,जोश में आना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है ये विज्ञानं भी मानता है, तो चलिए एक बार जोर से बोलते हैं -जय कन्हैयालाल की .नमस्कार